16 जून से जहाँ पूरे प्रेदश में भर में मत्स्य विभाग द्वारा दो महीनों के लिए मछली मारने के लिए पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगाया जा रहा है। कियो कि इन दो महीनों मे सभी अखैटो में मछलियों का प्रजनन का समय होता है। जब इस बाबत जिला चम्बा के मत्सय विभाग के जिला अधिकारी असिस्टेन्ट डायरेक्टर भूपिंदर सिंह ने बताया कि इस साल 16 जून से 15 अगस्त तक मछली मारने पर पूर्ण रूप से प्रतिबंद होगा । यदि इस दौरान कोई भी चोरी छुपे मछली मारते हुए पकडा जाता है या दुकानों मे मछली बेचता हुआ पाया जाता है तो उस को मतस्य विभाग के फ़्लाइंग टीम गठित कर उनको जुर्माने के साथ फिशिंग एक्ट के तहत कार्यवाही भी की जा सकती है ।
मत्स्य विभाग के अनुसार 15 जून से लेकर 16अगस्त तक मछली अंडे देने के साथ ही प्रजनन काल में रहती है। इस कारण सभी जलाशयों में मछली मारने पर रोक लगाई जाती है। मत्स्याखेट पर दो माह के लिए पाबंदी लगाई जाती है। इस दौरान कोई भी मछली मारते हुए पकड़ाया तो उसके खिलाफ मत्स्याखेट अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाती है।
जिला अधिकारी असिस्टेन्ट डायरेक्टर भूपिंदर सिंह ने बताया इस समयावधि में इस प्रकार की गतिविधियों को करते लोगो को पकड़ने के 15 फ़्लाइंग स्कॉड के साथ और 7 अन्य स्टाफ का टीम बनाया गई है जो कि पूरे जिले के मछली के आखेट पर नजर रखेगी । उन्होंने बताया कि इस दौरान चमेरा डैम , रावी नदी, रंजीत सागर डैम , बराल खड्ड, देहरा खड्ड,चक्की खड्ड, कलम खड्ड , ओभारडी खड्ड के अलावा कई अन्य छोटे बड़े नदी नाले है उन पर पूर्ण रूप से मछली मारने में प्रतिबंध है।